बेहतरीन नैतिक कहानियाँ (10+) का संग्रह Short Moral Stories in Hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 & 10th students। ये कहानिया जो हम सबने अपने बचपन में जरूर पढ़ी होगी।
Fascinating Short Stories with Moral in Hindi for kids ना ही केवल रोमांच से भरी होती है बल्कि बहुत च सिखने को भी मिलता है। ये कहानियाँ सभी के लिए प्रेणा का श्रोत ही सकती है।
Short Moral Stories in Hindi for Class 1 (प्रेरणादायक कहानी)
These short Hindi Story with Moral lessons will be an inspiration for everyone. ये शार्ट स्टोरी किसी भी विद्यार्थी के लिए, बूढ़ा और जवान सभी के लिए उपयोगी हो सकती है। Short Moral Stories for Kids had been told by our grandmother when we were a child। सीधे चलते है पहले कहानी की और।
जरूर पढ़े | मेरे प्रिय मित्र पर निबंध हिंदी में
1# Short Stories in Hindi for Class 1, 2:: खरगोश और कछुआ की कहानी
यह छोटी से कहानी खरगोश और कछुआ पर आधारित है। एक समय की बात है, एक जंगल में एक खरगोश और एक कछुआ रहते थे, वे अच्छे दोस्त थे। खरगोश तेज दौड़ सकता था।
उसे अपनी गति (दौड़) पर गर्व था। वही कछुआ अपनी धीमी गति के लिए जाना जाता है इस कारन से अक्सर उसका मजाक बनाया जाता था।
यह सुनकर कछुआ छोटा महसूस करता था लेकिन वह चुपचाप सहन करता था। जैसे-जैसे ताने-बाने का सिलसिला बढ़ता गया, बार-बार ये सुनकर एक दिन उसने अपना धैर्य खो दिया और खरगोश को दौड़ को चुनौती दी।
यह सुनकर खरगोश अपने हसी रोक नहीं पाया और जोर-जोर से हसने लगा और कहा, “तुम्हारे साथ दौड़! तुम्हे एक दूरी तय करने में एक महीना लगेगा, जो मैं एक घंटे में पूरा कारलुंगा। ” उसने बेशक चुनौती को स्वीकार कर लिया।
दौड़ की पारदर्शिता के लिए एक लोमड़ी को एक न्यायाधीश के रूप में कार्य करने के लिए चुना गया। दूर स्थित पेड़ पे जो पहले पहुंचेगा उसे विजयी घोषित किया जायेगा। दौड़ को सुरु करने के लिए लोमड़ी ने वोला, “एक, दो, और तीन।”
और दोनों प्रतिदुंदी दौड़ के लिए चल पड़े। जल्द ही दोनों आखों की नज़र से ओझल हो गए। जब खरगोश ने पीछे मुड़के देखा तो उसने पीछे देखा कछुआ कहीं नहीं दिख रहा था, तेज दौड़ने से खरगोश को थोड़ा गर्मी लग रही थी। रास्ते में एक छायादार पेड़ देखा।
खरगोश ने अपने आप से कहा, “इतनी जल्दी क्यों? मुझे एक झपकी का आनंद लें लेना चाहिए। उन्होंने सोचा कि कछुआ को उस पेड़ तक पहुंचने में पूरा दिन लग जाएगा। ” इसलिए वह पेड़ के निचे लेट गया।
ठंडी हवा बहने लगी। इससे खरगोश निद्रा न चला गया। कछुआ अपने चल के अनुशार धीरे-धीरे और तेजी से आगे बढ़ता गया। उसने खरगोश को सोते हुए देखा। उसने उसे नहीं जगाया।
जब खरगोश उठा और उसने देखा कि कछुआ जीतने वाली रेखा अणि पेड़ के करीब पहुंच चुका था। यश देख कर वह बहुत तेजी से भागा, लेकिन वह उससे आगे नहीं निकल सका।
लोमड़ी ने कछुआ को विजेता घोषित किया। खरगोश दौड़ हार गया। उसने अपने आप को लज्जित महसूस किया।
कहानी का सार: धीमे-धीमे चलने वाला और स्थिर व्यक्ति की अनंततः जीत होती है। घमंड का पतन होता है।
2# Interesting Moral Stories in Hindi for Class 1, 2:: चरवाहा लड़का और भेड़िया की कहानी
यह कहानी है चरवाहा लड़का और भेड़िया की। एक चरवाहा लड़का था। उसने अपने रहने की जगह एक पहाड़ी के पास थी। पहाड़ी उसके गांव के करीब थी। इस जगह पर अक्सर भेड़िया देखा जाता था।
इसलिए, गांव वालों ने बोला जैसे ही तुन्हे भेड़िया दिखे तो जोर से आवाज लगाना ताकि हम तुमहारी मदत के लिए आ सके।
लड़का कई दिनों तक भेड़ों के झुंड को देखता रहा लेकिन उसने उस बीच कभी भी भेड़ियों को पहाड़ियों पर आते नहीं देखा।
एक दिन, उसने अपने मनोरंजन के लिए वह जोर जोर से चिल्लाया, “भेड़िया! भेड़िया! मदद! मदद!” लोगों को बुलाया। पास काम कर रहे ग्रामीणों ने चीख पुकार सुनी और उसकी मदद को दौड़ पढ़े।
जब वे वहां पहुंचे, तब उन्होंने देखा यहां कोई भेड़िया नहीं है। यह सुनकर लड़का उन पर हसने लगा। उसने कहा कि वह मस्ती के लिए चिल्लाया था। लड़के की इस मूर्खतापूर्ण हरकत पर ग्रामीण उसपर गुस्सा हुए और चले गए।
एक दिन वास्तव में भेड़िया वहाँ आया। लड़का मदद के लिए जोर-जोर से चिल्लाता रहा, लेकिन कोई भी उसकी मदद के लिए नहीं आया। हर कोई यही सोचते रहे कि वह उनका फिर से मजाक उड़ा रहा है।
भेड़िये ने कई भेड़ों को मार डाला। लड़का इस कदर भयभीत हो गया उसको ये समझ नहीं आ रहा था की क्या करूँ। डर के कारन उसकी बुद्धि भी काम नहीं कर रही थी। यह मौका देख कर भेड़िये ने लड़के को दबोच लिया और उसके टुकड़े-टुकड़े कर दिया ।
कहानी का सार Moral of the story: एक बार झूठा, हमेशा एक झूठा।
3# Inspirational Short Moral Stories in Hindi for Class 1, 2:: लालची कुत्ता की कहानी
एक बार एक कुत्ते को बहुत तेज भूख लग रही थी। वह भोजन की तलाश में निकल पड़ा। सबसे पहले वह एक कसाई की दुकान पर गया। कसाई वहां मौजूद नहीं था। उसने मांस का एक टुकड़ा उठाया और उसे अपने मुंह में पकड़ा और तेजी से भाग गया।
रास्ते में, उसे पानी के ऊपर बने एक पुल को पार करना था। पुल पर गुजरते समय, वह नीचे के पानी में देखने लगा। उसने उसे अपना प्रतिबिंब दिखाई दिया। उसने देखा की दूसरे कुत्ते के मुंह में भी मांस का एक बड़ा टुकड़ा रखाहै।
यह देख कर उसके मन मैं लालच आ गया, वह उस मांस के टुकड़े को भी लेना चाहता था। वह अपने ही प्रतिबिंब पर भौंकने लगा। जैसे ही उसने अपना मुंह खोला, उसका मांस का टुकड़ा नदी में गिर गया। कुत्ते को बहुत दुख हुआ।
उसने अपनी मूर्खता पर पश्चाताप हुआ, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उस दिन उसे बिना भोजन के ही रहना पड़ा। उसने अपने आप से कहा, “जो मेरे पास था, उससे ममुझे संतुष्ट होना चाहिए था। संतोष एक बड़ी बात है, और लालच वास्तव में एक अभिशाप है। ”
कहानी का सार Moral of the story: लालच एक अभिशाप है।
4# Short Stories in Hindi for Class 1, 2:: लोमड़ी और अंगूर की कहानी
एक लोमड़ी थी उसे बहुत तेज भूख लगी थी। अपनी भूख को संतुष्ट करने के लिए खाने की तलाश में भटकते हुए उसे कई घंटों हो गए। फिर भी उसे कोई भोजन नहीं मिला।
वह एक बगीचे से गुजरा। उसने देखा कि दीवार पर अंगूरों का एक गुच्छा लटका हुआ है।
इन पके और रसीले अंगूरों को देखते ही उसके मुंह में पानी आ गया, लेकिन वे लोमड़ी तक पहुंच से बहुत दूर थे। “वे बहुत अच्छे लग रहे थे,” लोमड़ी ने अपने आप से कहा , मझे इनका स्वाद अवय्श्य लेना चाहिए।
शायद मैं कुछ कर सकता हूं उसने एक तरकीब निकली अगर पूरी ताकत से ऊँची छलाँगें लगाई।
इसलिए वह जितना ऊपर जा सकता था उतनी कोशिश की, लेकिन वह उन अंगूरों तक नहीं पहुंच सका। वह बार-बार कूदता था, लेकिन यह असफल रहा। अंगूर उसकी पहुँच से दूर थे।
लगातार कोशिश करने के पश्च्यात वह थक गया और उसने प्रयास छोड़ दिया और यह कहकर चला गया, “यकीनन वे अंगूर खट्टे हैं, और मेरे खाने के लायक नहीं हैं।
कहानी का सार Moral of the story: जब हम कोई कार्य नहीं कर सकते है तो हमें बेकार की बात नहीं करनी चाहिए।
5# Motivational Short Moral Stories in Hindi for Class 1, 2:: शहरी चूहा और देहाती चूहा की कहानी
यह कहानी है एक देसी चूहा (माउस) और उसके दोस्त के बारे में। एक समय की बात है जब एक माउस, एक गरीब आदमी की झोपड़ी में रहता था और उसके दोस्त शहर में थे।
उसने अपने शहरी दोस्त को कुछ दिन अपने गावँ आने का निमंत्रण दिया। शहरी चूहे ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया।
गावँ में रहने वाले चूहे ने उसके सामने साधारण भोजन के साथ सूखी रोटी के कुछ टुकड़ों को परोसा गया। शहर में रहने वाला चूहा जो अपना जीवन भव्य तरीके से रहने की आदत थी उसे इस प्रकार से किया गया सत्कार उसे पसंद नहीं आया।
उन्होंने कहा, “आप एक सामान्य जीवन जी रहे हैं। स्वादिष्ट व्यंजनों की बात नहीं है आपके पास तो पेट भरने के लिए पर्याप्त भोजन भी नहीं है। मेरे पास खाने के लिए शहर में बहुत सारी अच्छी स्वादिष्ट चीजें हैं।
अब मैं आपको मेरे साथ शहर आने का और लजीज भोजन के लिए आमंत्रित करता हूं। ” देसी चूहे अपने आप को छोटा महसूस किया लेकिन उससे अपनी नाराज़गी जाहिर नहीं की।
एक दिन देसी चूहा काम के शिलशीले के लिए शहर गया और अपने दोस्त के निमंत्रण जाने का विचार किया। टाउन माउस (चूहा) एक बड़े से आलिशान घर में रहता था।
यह अच्छा समय था उसने अपने दोस्त देसी चूहे को रसोई और डाइनिंग हाल दिखाया। और उसे कुछ स्वादिष्ट व्यंजन भी परोसे गए। उसने अपने दोस्त को शुक्रिया अदा किया इस भव्य स्वागत सत्कार के लिए।
जैसे ही दोनों दोस्त खाने लगे, वैसे ही एक बिल्ली अचानक दिखाई दी। दोनों ने जल्दबाजी बिल में गश गए। बिल्ली पूरा भोजन चट कर गई। देसी माउस जैसे तैसे अपने आप को बचा लिया।
उसका दिल डर से तेजी से धड़कने लगा। कुछ समय बाद जब वह अपने डर से उबर गया और उसके दिल ने सामान्य समान्य धड़कने लगा, तो उसने अपने दोस्त से कहा, “तुम तो यहां लगातार खतरे में जी रहे हैं।
मुझे तुम्हारा शहरी जीवन पसंद नहीं आया। मैं डर,जोखिम और अच्छे व्यंजनों की जगह में अपने घर की रूखी-सुखी रोटी खाना पसंद करूंगा।
कहानी का सार Moral of the story: एक स्वतंत्र जीवन भय से भरे जीवन से बेहतर है।
6# Children Moral Stories in Hindi for Class 1, 2:: भेड़िया और सारस की कहानी
भेड़िया और सारस की लघु कहानी।अपना भोजन करते समय, एक भेड़िये के गले में हड्डी फंस गई। उसने इसे बाहर हड्डी को बहार निकलने की पूरी कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
उसके हर प्रयास के साथ ही हड्डी और निचे चली गयी । वह इसके कारण होने वाले दर्द को सहन नहीं कर पा रहा था, उसे लगा कि अब उसका दम घुट जाएगा।
वह किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश में यहां-वहां भागता रहा, जो उसके गले मैं फंसी हड्डी निकाल सके।
जैसा कि किस्मत में होता है, भोजन की तलाश में एक सारस (क्रेन) आसमान धरती की ओरनिगाहें गड़ाए था। भेड़िये ने सोचा क्यों न इसकी मदत ली जाए उसने सारस से दया याचना की ताकि उसके गले में फांसी हड्डी बहार निकल सके।
उसने कहा कि वह बहुत दर्द में है। उसने कहा तुम्हे मेरी मदत के लिए भगवान द्वारा भेजा गया है। वह अकेला एकमात्र प्राणी था जो उसे उसकी परेशानी से छुटकारा दिला सकता था, क्योंकि उसके पास लम्बी चोंच थी।
उसने कहा इस मदत के लिए, वह जो भी मांगेगा, वह देगा। सारस (क्रेन) ने भेड़िया से इस मदत के लिए एक सर्त राखी। भेड़िया आसानी से सहमत हो गया।
हड्डी को उसके गले से बाहर निकालने में सारस (क्रेन) को ज्यादा समय नहीं लगा। उसने भेड़िया को अपना वादा पूरा करने और उसे इनाम देने को कहा।
भेड़िये ने हंसते हुए कहा, “अपने किस्मत (सितारों) को धन्यवाद दो क्यूंकि तुम्हारा सिर अभी भी सही सलामत तुम्हारे शरीर पर है। क्या आपने कभी किसी ऐसे पक्षी या जानवर के बारे में सुना है जो अपनी गर्दन को भेड़िये के मुंह में डालने के बाद भी सुरक्षित हो। तुम्हे तुम्हारा पर्याप्त इनाम मिल चुका है।
कहानी का सार Moral of the story: मदद उसी की करो जो उसके लायक हो।
7# Short Stories in Hindi for Class 1, 2:: हरक्यूलिस और कार्टमैन की कहानी
एक बार एक कार्टमैन कार्टमैन यानी बैल-गाड़ी वाला, अपनी भारी-भरकम गाड़ी को कीचड़ भरी सड़क पर ले जा रहा था। उसे यह लम्बा रास्ता तय कर रहा था। वह बैलों को हाक रहा था, ओर बैल भी अपनी पूरी ताकत से आगे की तरफ खींच रहे थे।
दुर्भाग्य वस गाड़ी का एक पहिया कीचड़ में धंस गया। बैल ने गाड़ी को कीचड़ से बाहर निकालने की पूरी कोशिश की लेकिन सब व्यर्थ रहा। कार्टमैन बैलों को जोर से पीटने लगा और कोसने लगा।
वह बैल-गाड़ी से नीचे उतर जाता और अपने कंधे को पहिये पर रखता है, तो वह सफल हो सकता था, बैलों की मदत से बैल-गाड़ी को कीचड़ से बाहर निकालने में।
लेकिन उसने खुद ही गाड़ी को आगे बढ़ाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। उसने तुरंत ही ताकत के स्वामी देव हरक्यूलिस से प्रार्थना की, कि वह उसकी मदद के लिए आए। हरक्यूलिस ने उनकी प्रार्थना सुनी और प्रत्यक्ष प्रकट हो गए।
उन्होंने कहा, “ये आलसी इंसान, तुम्ह पहले नीचे क्यों नहीं उतरते को पहिया को कन्धा देने के लिए?” जैसे की सलाह के अनुशार कार्टमैन गाड़ी से उतर गया, और फिर हरक्यूलिस ने भी उनकी मदद की।
जल्द ही बैलगाड़ी कीचड़ से बहार निकल गए। यह देखकर कार्टमैन बहुत खुश हुआ। उसने हरक्यूलिस को धन्यवाद दिया स्वयं सहायता का पाठ पढ़ाने के लिए।
कहानी का सार Moral of the story: भगवान उनकी मदद करता है जो खुद की मदद करते हैं।
8# Famous Short Moral Stories in Hindi for Class 1, 2:: दो दोस्त और भालू की कहानी
एक बार… । तो …… एक जंगल में, एक कहानी जो दो दोस्तों की है। दोनों दोस्त जंगल में जा रहे थे उन्होंने देखा कि एक भालू उनकी तरफ आ रहा है। यह देखकर दोनों घबरा गए। और पास के एक बड़ा पेड़ था।
खतरे का सामना करने के बजाय, स्वार्थी दोस्त जल्दी से पेड़ पर चढ़ गया और दूसरे दोस्त को मरने के लिए छोड़ दिया। वह जानता था उसका साथी पेड़ पर चढ़ना नहीं जानता था।
गरीब साथी अपने बुद्धि के भरोसे था। उसका मस्तिष्क काम करने लगा और उसे एक तरकीब आए। वह जमीन पर लेट गया ताकि वह एक मरे हुए आदमी की तरह दिखने लगे और उसने अपनी सांस भी रोक ली।
उसने लोगों को कहते सुना था कि, भालू किसी भी मिर्त्य व्यक्ति को नहीं छूता। भालू उसके पास आया, उसे सर से पांव तक सूंघा, और उसे दो-तीन बार उसके शरीर को उल्टा-पुल्टा किया और अंत में भालू ने यह पाया की यह तो एक मृत शरीर है। वह उसे छोड़कर वहां से चला गया।
जब भालू दृष्टि से ओझल हो गया, तो स्वार्थी दोस्त पेड़ से नीचे उतरा। वह अपने दोस्त के पास गया और उससे पूछा कि भालू ने उसके कान में क्या फुसफुसाया।
अपने दोस्त को जवाब दिया “हाँ उसने बताया,” “भालू ने मेरे कान में फुसफुसाया कि हमें किसी ऐसे व्यक्ति पर भरोसा नहीं करना चाहिए जो झूठ बोलता हो और अपने दोस्त को मुसीबत में छोड़ देता है।”
कहानी का सार Moral of the story: झूठे दोस्त पर भरोसा नहीं करना चाहिए। वे कभी भी आपको धोखा दे सकते है।
9# Hindi Short Moral Stories for Class 1, 2:: किंग रॉबर्ट ब्रूस और द स्पाइडर
रॉबर्ट ब्रूस… ।तो… ।।जिसका पीछा कर रहे अंग्रेजी सैनिकों से बचने के लिए उसने खुद को गुफा छुपा लिया। वह बहुत दुखी और निराश महसूस कर रहा था।
उसने संघर्ष ना करने का विचार किया, उसने खुद से कहा, अपने भाग्य के खिलाफ संघर्ष करने का कोई फायदा नहीं है। किस्मत मेरा साथ नहीं है; भगवान मेरी तरफ नहीं है। मेरा संघर्ष जिस में आशा की कोई किरण नहीं दिखाई दे रही।
जब वह अपने आप को कोश रहा था, उसने देखा कि एक मकड़ी अपने जाले से गिर रही है। मकड़ी ने फिर कोशिश की ऊपर चढ़ने की जैसे ही वह पहुंचने वाली थी अपने जाल के पास अचानक फिर से निचे गिर गई।
इसके बाबजूद भी उसने प्रयास करना बंद नहीं किया, यह फिर से कोशिश की और फिर निचे गिर गई।
लगातार सात बार निरंतर प्रयत्नों के पश्च्यात भी, हर बार वह नीचे गिर जाती। “यह देख कर राजा रॉबर्ट ब्रूस ने सोचा की अब मकड़ी कोशिश नहीं करेगी,” लेकिन कुछ पलों के बाद राजा ने देखा की, मकड़ी फिर से ऊपर चढ़ने लगी है।
और धीरे-धीरे और लगातार आगे बढ़ने की दृढ़शक्ति ने आखिरी उसे अपने लक्ष्य तक पहुंचा दिया।
मकड़ी की अंतिम सफलता ने निराश राजा को प्रेणा मिली। उन्होंने खुद से कहा, “अगर एक छोटा, तुच्छ प्राणी, बार-बार असफल होने के बाद भी हार नहीं मानता है तो मैं फिर भी इंसान हूँ?
“उसने अपना दिल मजबूद किया और गुफा से बाहर आया, अपनी बिखरी हुई ताकतों को इकट्ठा किया। और अपने देश को अंग्रेजी के बंधन से मुक्त करने के लिए एक वीर की भाति प्रयास किया।
एक कठिन लड़ाई लड़ी गई, अंत में राजा ब्रूस ने लड़ाई जीत ली। उसने अपने देश को एक बार फिर अंग्रेजों की गुलामी से आजाद किया।
कहानी का सार Moral of the story: कोशिश करो और फिर कोशिश करो दृढ़ता से अंत में सफल होती है।
10# Very Short Moral Stories in Hindi for Class 1, 2:: लकड़हारा और भगवान बुध की कहानी
एक बार एक लकड़हारा ………………… से ……………और बुध
लकड़हारा की कहानी जो जंगल में लकड़ी काटने गया था। पानी के देवता बुध ने उस पर दया की, उसके सामने प्रकट हुए और पूछा कि तुम क्यों रो रहे हो। लकड़हारे ने बताया कि उसने अपनी कुल्हाड़ी खो दी है जिसकी मदत से वह लकड़ी काटता था और अपना जीवन यापन किया करता था।
भगवान बुध ने लकड़हारे से कहा, “तुम नदी में डुबकी लगाकर अपनी कुल्हाड़ी क्यों नहीं निकाल लेते हो?” गरीब लकड़हारे ने जवाब दिया, “पानी का बेग तेज है और नदी गहरी है, अगर मैं खोए हुए कुल्हाड़ी को पुनर्प्राप्त करने का प्रयास करता हूं तो मैं नदी में डूब सकता हूं।” वह फिर से रोने लगा।
भगवान ने कहा, “तुम चिंता मत करो मैं तुम्हारे कुल्हाड़ी वापस लाऊंगा।” भगवान बुध ने नदी में डुबकी लगाई और स्वर्ण कुल्हाड़ी निकाली, उन्होंने लकड़हारे से कहा, “ये है तुम्हारी कुल्हाड़ी।”
लकड़हारे ने कहा, सर, यह मेरी कुल्हाड़ी नहीं है। यह बहुत चमकदार और पिली है, मेरी तो सामान्य और काले रंग की है। तब भगवान बुध ने फिर से नदी में डुबकी लगाई और इस बार उन्होंने एक चांदी की कुल्हाड़ी निकाली।
उन्होंने लकड़हारे से कहा, यहाँ कृपया आप अपनी कुल्हाड़ी ले लो, फिर से लकड़हारे ने इसे लेने से इंकार कर दिया ये कहकर की ये मेरी कुल्हाड़ी नहीं है।
भगवान बुध ने तीसरी बार पानी में डुबकी लगाई। इस बार उन्होंने लोहे की कुल्हाड़ी निकाली, उसे देखते ही, लकड़हारा खुशी से चिल्लाया और कहा, “यह मेरी कुल्हाड़ी है, यह मेरी कुल्हाड़ी है”
लकड़हारे की ईमानदारी से भगवान बुध अत्यधिक प्रसन्न हुए। उन्होंने कहा, “आप एक अच्छे ईमानदार व्यक्ति हैं”। सोने और चांदी का लालच भी आपको भटका नहीं सका। मैं आपको अपनी ईमानदारी के लिए सोने और चांदी की कुल्हाड़ी उपहार देता हूं। ” ऐसा कहकर देवता अदृश्य हो गए।
कहानी का सार Moral of the story: ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है।
11# Short Inspirational Moral Stories in Hindi for Class 1, 2:: भेड़िया और मैमना की कहानी
एक भेड़िया ………… से …………पानी
भेड़िया और मेमने की छोटी इन्स्पिरिंग कहानी। एक बार की बात है, भेड़िया ने मेमने को अपने भोजन का शिकार करने का मन बना लिया। वह मेमने के पास गया और कहा, “तुम पानी को गन्दा क्यों बना रहे हैं?” क्या तुम्हे यह नहीं देख रहा है की मुझे ये पानी पीना है?
मेमने ने विनम्रतापूर्वक कहा, क्षमा करें, श्रीमान, मैं पानी गन्दा नहीं कर सकता, यह मिट्टी आपके और से आ रही है। भेड़िया, थोड़ा सोच कर बोला “तुमने पिछले साल मुझे गाली दी थी।”
मेमने ने कहा, “मैं तब पैदा भी नहीं हुआ था।” मैं तो छह महीने का भी नहीं हूं, भेड़िया ने देखा की मेमना उसकी चुंगुल में नहीं आ रहा, वह अपने चाल में नाकाम हो रहा है।
उसने अपना आपा खो दिया और गुस्से में जोर से चिल्लाया, “या नहीं तो तुम्हारी माँ या पिता रहे होंगे।” इतना कहते हुए, वह भेड़ के बच्चे पर टूट पड़ा, उसे टुकड़ों में फाड़ दिया और अपना भोजन बना लिया।
कहानी का सार Moral of the story: कोई भी बहाना दुष्ट व्यक्ति के लिए अच्छा होता है।